॥जप ले हरी का नाम॥
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जप
ले हरी का नाम, मेरे मन,
काहे
भूलो हरी का धाम ।
काम ना आएगी झूठी माया,
ना तेरा मंदिर, ना तेरी काया।
आएगी तेरे जीवन की श्याम ॥
कठिन डगरिया तू चलना ना जाने,
बात पते की काहे ना माने।
जप ले कन्हिया तू चाहे घनश्याम ॥
माटी के पुतले उस के खिलौने,
बैठ जहाँ में तू ना रो रोने।
साथ ना जाए कहीं सस्ते दाम ॥
तन में बसले, मन में बसले,
तेरा प्रीतम उसको पाले।
काम ना आएगी झूठी माया,
ना तेरा मंदिर, ना तेरी काया।
आएगी तेरे जीवन की श्याम ॥
कठिन डगरिया तू चलना ना जाने,
बात पते की काहे ना माने।
जप ले कन्हिया तू चाहे घनश्याम ॥
माटी के पुतले उस के खिलौने,
बैठ जहाँ में तू ना रो रोने।
साथ ना जाए कहीं सस्ते दाम ॥
तन में बसले, मन में बसले,
तेरा प्रीतम उसको पाले।
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