Thursday, 4 July 2013

॥जप ले हरी का नाम॥


॥जप ले हरी का नाम॥

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जप ले हरी का नाम, मेरे मन,
काहे भूलो हरी का धाम ।

काम ना आएगी झूठी माया,
ना तेरा मंदिर, ना तेरी काया।

आएगी तेरे जीवन की श्याम ॥

कठिन डगरिया तू चलना ना जाने,
बात पते की काहे ना माने।
जप ले कन्हिया तू चाहे घनश्याम ॥

माटी के पुतले उस के खिलौने,
बैठ जहाँ में तू ना रो रोने।
साथ ना जाए कहीं सस्ते दाम ॥

तन में बसले, मन में बसले,
तेरा प्रीतम उसको पाले।



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