Thursday, 4 July 2013

॥श्याम तुमसे मिलने का सत्संग ही बहाना है॥


श्याम तुमसे मिलने का सत्संग ही बहाना है
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श्याम तुमसे मिलने का सत्संग ही बहाना है
दुनिया वाले क्या जाने मेरा रिश्ता पुराना है
जब से तेरी लगन लगी दिल हुआ दीवाना है,


श्याम तुमसे मिलने का सत्संग ही बहाना है 
सूरज में ढूँढा तुझे, चंदा में पाया है
तारो की झिलमिल में मेरे श्याम का बेसरा है,

श्याम तुमसे मिलने का सत्संग ही बहाना है
फुलो में ढूँढा तुझे, बागियो में पाया है
कलियों की खुश्बू में मेरे श्याम का बसेरा हैं,

श्याम तुमसे मिलने का सत्संग ही बहाना है
गंगा में ढूँढा तुझे, यमुना में पाया हैं
गोदावरी के लेहरो में मेरे श्याम का बेसरा है


श्याम तुमसे मिलने का सत्संग ही बहाना है
गोकुल में ढूँढा तुझे, मथुरा में पाया है
वृंदावन की गलियों में मेरे श्याम का बेसरा है,

श्याम तुमसे मिलने का सत्संग ही बहाना है
रामायण में ढूँढा तुझे, भागवत में पाया है
गीता जी श्लोको में मेरे श्याम का बेसरा है,

श्याम तुमसे मिलने का सत्संग ही बहाना है
जंगलओ में ढूँढा तुझे, मंदिरों में पाया है
भगतो की दिलों में मेरे श्याम का बेसरा है,
श्याम तुमसे मिलने का सत्संग ही बहाना है



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