Thursday, 4 July 2013

॥मोहन मधुबन में मेको बुलाना॥

॥मोहन मधुबन में मेको बुलाना॥

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मोहन मधुबन में मेको बुलाना 

अपने सुन्दर दरस मोको कराना 
चितचोर साँवरिया चित मेरा चुराना 
ऐ श्यामसुंदर श्यामल शाम में 

नीलवरण रूप छठा बिखराना
मोहे अपने प्यारे दरस दिखाना 
अपना गुलाबी पटका दिखा 
अपने नैनों से घायल कर जाना 

ऐ श्यामसुंदर अपनी पग की पैझानिया की 
रन झुन झंकार से मेरा रोम रोम झंकृत कर देना 
ऐ श्यामसुंदर मोहे अपने सुन्दर दरस दिखाना 
कहीं बादलो की ओंट से चले आना...



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